Hindi Diwas

हिंदी दिवस भारत के राष्ट्रीय उत्सवों में से एक है जो हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिवस हिंदी भाषा के महत्व को स्मरण करने के लिए मनाया जाता है। हिंदी भाषा भारत की राजभाषा है और भारत की सभी राज्यों में बोली जाती है। इस दिवस का महत्व उस भाषा की महत्ता को दर्शाता है जो हमारे देश के लोगों के जीवन में गहरा प्रभाव डालती है।

हिंदी दिवस का शुभारंभ पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1953 में किया था। वह चाहते थे कि हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी के महत्व को लोग समझें और इसे बढ़ावा दें। उन्होंने कहा था, “हिंदी भारत की अभिव्यक्ति का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। हमें हमारी राष्ट्रीय भाषा के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाना चाहिए।”

हिंदी दिवस के अवसर पर भारत सरकार विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करती है जिसमें संगीत, कविता, नाटक और सेमिनार शामिल होते हैं। और इसमें हम अपनी भारतीय संस्कृति का अद्भुत प्रदर्सन देखने का सौभाग्य प्राप्त करते है|

और पढ़िए : Whatsapp Web Kya Hai और इसे कैसे इस्तेमाल

 

हिंदी दिवस मनाने महत्त्व

इस दिन को मनाने का मकसद है हमारी राष्ट्रीय भाषा हिंदी के महत्व को समझाना और इसे बच्चों व युवाओं के मन में भावनात्मकता के साथ समझाना। हिंदी भाषा भारत की राजभाषा है जो हमारे देश के लोगों के जीवन में गहरा प्रभाव डालती है। हिंदी दिवस मनाने का महत्त्व उस भाषा की महत्ता को दर्शाता है जो हमारे देश की आत्मा है।

यह विविधता भरी भाषा है जो हमारी संस्कृति और इतिहास को दर्शाती है। हमारी राष्ट्रीय भाषा होने के साथ ही हिंदी भाषा का महत्त्व बढ़ता है क्योंकि इससे हम अपनी भाषा को अधिक बेहतर ढंग से समझते हैं और संवाद करते हैं।

हिंदी दिवस के अवसर पर देश भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होते हैं जैसे कि संगीत, कविता, नाटक और सेमिनार। इन कार्यक्रमों में विद्यालय व कॉलेजों के छात्र-छात्राएं शामिल होते हैं और उन्हें हिंदी |

Hindi Diwas

और पढ़िए : ऑनलाइन शिक्षा के फायदे और नुकसान क्या हैं

 

संस्कृत हिंदी भाषा की जननी

हिंदी भाषा हमारे देश भारत की जननी है। यह भाषा विविधता से भरी हुई है और इसका उत्पत्ति देश के विभिन्न हिस्सों में हुआ है। हिंदी भाषा का जन्म भारत के उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर से हुआ था।

हिंदी भाषा की उत्पत्ति का समय बहुत पुराना है। यह भाषा संस्कृत भाषा की अपेक्षा थोड़ी नई है, लेकिन यह भाषा संस्कृत भाषा का विकास हुआ है। हिंदी भाषा का जन्म संस्कृत भाषा के बाद हुआ था संस्कृत से ही हिंदी भाषा का जन्म हुआ है, इसलिए हिंदी और संस्कृत  में बहुत से शब्द सामान उच्चारण के होते है|

भारत के विभिन्न हिस्सों में हिंदी भाषा के विभिन्न रूप विकसित हुए जैसे अवधी, ब्रजभाषा, बुंदेली, खड़ी बोली, बगेलखंडी, मरठी, राजस्थानी आदि। हिंदी भाषा को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया है और इसका उपयोग देश के विभिन्न हिस्सों में किया जाता है। हिंदी भाषा को विश्व के सबसे बड़े भाषाओं में से एक माना जाता है।

Leave A Comment