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ईशा अंबानी ने त्रिवेणी संगम में लिया पवित्र स्नान | महाकुंभ 2025 | प्रयागराज

ईशा अंबानी का त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान

📸 ईशा अंबानी, रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी की बेटी, ने अपने पति आनंद पीरामल के साथ महाकुंभ मेला 2025 के दौरान प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर पवित्र स्नान किया।

गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदी के इस संगम स्थल को बेहद पवित्र माना जाता है, जहां स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। उनकी उपस्थिति इस आयोजन के गहरे आध्यात्मिक महत्व को दर्शाती है, जो समाज के सभी वर्गों के लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।


महाकुंभ 2025: 1.14 करोड़ श्रद्धालुओं की ऐतिहासिक उपस्थिति का दावा

  • 25 फरवरी तक 640 मिलियन (64 करोड़) से अधिक श्रद्धालु महाकुंभ में भाग ले चुके हैं।
  • महाशिवरात्रि के दिन ही 1.33 करोड़ (13.3 मिलियन) से अधिक भक्तों ने संगम में पवित्र स्नान किया, जो महाकुंभ के इतिहास में सबसे बड़े एक दिवसीय स्नानों में से एक है।

विशाल भीड़ के लिए अतिरिक्त सुरक्षा प्रबंध

  • श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त सुरक्षा प्रबंध लागू किए गए हैं।
  • AI आधारित फेस रिकग्निशन तकनीक और विस्तृत CCTV निगरानी के जरिए भीड़ पर नज़र रखी जा रही है।
  • ये उपाय शाही स्नान जैसे प्रमुख दिनों पर भीड़ को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

महाकुंभ में शामिल प्रमुख हस्तियां

ईशा अंबानी और आनंद पीरामल जैसी हस्तियों की उपस्थिति इस आयोजन की महानता और आध्यात्मिकता को और अधिक उजागर करती है। उनका इस धार्मिक आयोजन में शामिल होना यह दर्शाता है कि यह केवल साधु-संतों का नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग के लोगों के लिए एक आस्था और संस्कृति से जुड़ने का अवसर है।


आगामी मुख्य आकर्षण

  • महाकुंभ 2025 का समापन 26 फरवरी, महाशिवरात्रि को होगा।
  • अंतिम ‘शाही स्नान’ (Royal Bath) में अधिक संख्या में श्रद्धालु भाग लेंगे।
  • दुनियाभर से हजारों भक्त इस पवित्र अनुष्ठान में भाग लेने के लिए प्रयागराज पहुंच रहे हैं।

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

त्रिवेणी संगम का महत्व क्या है?

प्रयागराज में त्रिवेणी संगम वह स्थान है जहां गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियां मिलती हैं। मान्यता है कि महाकुंभ मेला के दौरान यहां स्नान करने से आत्मा शुद्ध होती है और सभी पापों से मुक्ति मिलती है।

महाकुंभ मेला कब और कहां आयोजित होता है?

महाकुंभ मेला हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है और यह चार स्थानों – प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में घूमता रहता है। 2025 का प्रयागराज कुम्भ विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह खगोलीय संयोगों के अनुसार निर्धारित होता है।

त्योहार के दौरान सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाती है?

कुंभ मेले में भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए, प्रशासन ने AI-आधारित फेस रिकग्निशन, विस्तृत CCTV कवरेज, और भीड़ नियंत्रण सॉफ्टवेयर जैसे अत्याधुनिक सुरक्षा उपाय लागू किए हैं।

महाकुंभ 2025 में अब तक कितने श्रद्धालु शामिल हो चुके हैं?

महाकुंभ 2025 में अब तक 64 करोड़ (640 मिलियन) से अधिक श्रद्धालु भाग ले चुके हैं, जिससे यह आयोजन इतिहास में सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक बन गया है।

‘शाही स्नान’ का महत्व क्या है?

‘शाही स्नान’ महाकुंभ मेले का सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जिसमें संत-महात्मा और लाखों श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। इसे आध्यात्मिक लाभ, मोक्ष प्राप्ति और आत्मशुद्धि के लिए बेहद शुभ माना जाता है।

महाकुंभ मेले में कैसे भाग लें?

श्रद्धालु महाकुंभ मेला स्थल पर पहुंचकर इस पर्व में भाग ले सकते हैं। यात्रा से पहले आवास, परिवहन और सुरक्षा निर्देशों का ध्यान रखना आवश्यक है।


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महाकुंभ 2025 को लेकर आपकी क्या राय है? क्या आपने इस भव्य आयोजन में भाग लिया है? नीचे कमेंट करें और अपने अनुभव साझा करें! 🚩

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