ट्रंप के ‘गोल्ड कार्ड’ वीजा की घोषणा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नए “गोल्ड कार्ड” वीजा कार्यक्रम की घोषणा की है, जो $5 मिलियन के भुगतान के बदले सीधे अमेरिकी नागरिकता प्रदान करेगा। यह नया कार्यक्रम मौजूदा EB-5 निवेशक वीजा को बदलने की योजना का हिस्सा है और इसका भारतीय नागरिकों पर गहरा प्रभाव पड़ने की संभावना है, जो लंबे ग्रीन कार्ड बैकलॉग से जूझ रहे हैं।
‘गोल्ड कार्ड’ वीजा क्या है?
“ट्रंप गोल्ड कार्ड” वीजा की घोषणा 25 फरवरी 2025 को की गई। यह कार्यक्रम धनाढ्य विदेशी निवेशकों को स्थायी अमेरिकी निवास और नागरिकता का मार्ग प्रदान करता है, बशर्ते वे $5 मिलियन का भुगतान करें। यह वीजा EB-5 वीजा के तहत आवश्यक नौकरी निर्माण की शर्तों को समाप्त कर देता है, जिससे अमीर विदेशी नागरिकों के लिए अमेरिका में बसना आसान हो जाता है।
ग्रीन कार्ड बैकलॉग में फंसे भारतीयों पर प्रभाव
1 मिलियन से अधिक भारतीय नागरिक ग्रीन कार्ड बैकलॉग में फंसे हैं, और उनके लिए स्थायी निवास की प्रक्रिया 50 वर्षों से अधिक का समय ले सकती है। इस नई ‘गोल्ड कार्ड’ वीजा नीति के चलते भारतीय नागरिकों को नई संभावनाएं और चुनौतियां मिल सकती हैं:
1. अमीरों के लिए तेज़-तर्रार निवास प्रक्रिया
यदि कोई भारतीय नागरिक $5 मिलियन का भुगतान करता है, तो वह सीधे स्थायी निवास प्राप्त कर सकता है और भविष्य में अमेरिकी नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है।
2. ऊंची वित्तीय बाधा
इस वीजा की उच्च लागत के कारण कई भारतीय जो पहले EB-5 वीजा के तहत कम निवेश सीमा पर आवेदन कर सकते थे, अब इस नए वीजा कार्यक्रम में भाग नहीं ले पाएंगे।
3. अमीरों के लिए नई विदेश नीति
यह वीजा आय या संपत्ति के आधार पर आव्रजन को विभाजित कर सकता है, जिससे उन कुशल पेशेवरों को नुकसान हो सकता है जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहे हैं, लेकिन सिर्फ धन के अभाव में वीजा प्राप्त नहीं कर सकते।
EB-5 से ‘गोल्ड कार्ड’ वीजा तक का बदलाव
EB-5 वीजा कार्यक्रम को दो सप्ताह के भीतर गोल्ड कार्ड वीजा से बदल दिया जाएगा। पहले, EB-5 वीजा के तहत आवेदकों को कम से कम $1.05 मिलियन ($800,000 लक्षित रोजगार क्षेत्रों में) का निवेश और 10 नौकरियों का सृजन करना अनिवार्य था। वहीं, ‘गोल्ड कार्ड’ वीजा के तहत केवल $5 मिलियन की सीधी भुगतान की आवश्यकता होगी और इसमें नौकरी निर्माण की कोई अनिवार्यता नहीं होगी।
‘गोल्ड कार्ड’ वीजा के फायदे और नुकसान
फायदे
- अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: इस वीजा के जरिए अमेरिका में बड़ी मात्रा में पूंजी निवेश होगा।
- राष्ट्रीय घाटे में कमी: यह निवेश राष्ट्रीय वित्तीय घाटे को कम करने में मदद करेगा।
- आसान आव्रजन प्रक्रिया: निवेशकों को सरल और त्वरित वीजा प्रक्रिया का लाभ मिलेगा।
नुकसान
- समानता और पहुंच: अधिकतर योग्य और कुशल आवेदक जो पर्याप्त वित्तीय संसाधन नहीं रखते, वे इस वीजा का लाभ नहीं उठा पाएंगे।
- राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताएं: सिर्फ धन के आधार पर वीजा जारी करना सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है।
- विशेषज्ञों पर प्रभाव: यह नीति उन कुशल पेशेवरों को हाशिए पर धकेल सकती है जो अमेरिका के विभिन्न उद्योगों में योगदान देते हैं, लेकिन ‘गोल्ड कार्ड’ वीजा का खर्च नहीं उठा सकते।
‘गोल्ड कार्ड’ वीजा से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQ)
प्रश्न: ‘गोल्ड कार्ड’ वीजा क्या है?
उत्तर: यह एक स्थायी अमेरिकी निवास वीजा है, जिसे $5 मिलियन के भुगतान पर दिया जाएगा और यह EB-5 कार्यक्रम का प्रतिस्थापन होगा।
प्रश्न: यह EB-5 वीजा से कैसे अलग है?
उत्तर: EB-5 वीजा में निवेश और रोजगार सृजन की आवश्यकता थी, जबकि गोल्ड कार्ड वीजा के लिए केवल $5 मिलियन का सीधा भुगतान करना होगा और इसमें नौकरी सृजन की कोई शर्त नहीं है।
प्रश्न: कौन ‘गोल्ड कार्ड’ वीजा के लिए पात्र है?
उत्तर: वे धनाढ्य विदेशी नागरिक जो अमेरिका में स्थायी रूप से बसना चाहते हैं और जो सामान्य निवेश या रोजगार आवश्यकताओं को पूरा नहीं करते हैं।
प्रश्न: ग्रीन कार्ड बैकलॉग में फंसे भारतीयों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर: अमीर भारतीय नागरिकों को तेज़ स्थायी निवास प्रक्रिया का लाभ मिल सकता है, लेकिन कुशल पेशेवरों के लिए इसकी लागत बाधा बन सकती है।
प्रश्न: ‘गोल्ड कार्ड’ वीजा कब उपलब्ध होगा?
उत्तर: यह 25 फरवरी 2025 के दो सप्ताह के भीतर लागू किया जा सकता है।
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