भारतीय शेयर बाजार एक ऐतिहासिक गिरावट के कगार पर है, क्योंकि Nifty50 इंडेक्स 28 वर्षों में अपनी सबसे लंबी गिरावट के दौर से गुजर रहा है। Nifty50 24 फरवरी 2025 को 22,553.35 पर बंद हुआ, जो दिनभर में 1.06% की गिरावट को दर्शाता है। यह इंडेक्स को लगातार पांच महीनों तक गिरने के कगार पर छोड़ देता है, जो कि 1996 के बाद पहली बार देखा गया है।
बाजार प्रदर्शन की संक्षिप्त जानकारी
- Nifty50: 22,553.35, 1.06% की गिरावट
- BSE Sensex: 856.65 अंक नीचे, 74,454.41 पर बंद
यह गिरावट व्यापक रही है, जिसमें प्रमुख उद्योगों को भारी नुकसान हुआ:
- सूचना प्रौद्योगिकी (IT): Nifty IT इंडेक्स 2.71% गिरा; Wipro और HCL Tech ने 3% से अधिक का नुकसान झेला।
- वित्तीय क्षेत्र: वित्तीय क्षेत्र में 1.4% की गिरावट दर्ज की गई, जो कि विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली के कारण हुआ।
गिरावट के मुख्य कारण
इस बाजार स्थिति को बनाने के लिए कुछ प्रमुख कारक जिम्मेदार हैं:
1. विदेशी निवेशकों की बिकवाली
अक्टूबर 2024 के बाद से, विदेशी निवेशकों ने ₹2 लाख करोड़ से अधिक की भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली की है। रुपये की कमजोरी और अन्य उभरते बाजारों में बेहतर निवेश अवसरों ने इस प्रवृत्ति को बढ़ावा दिया।
2. वैश्विक आर्थिक चिंताएं
हाल ही में अमेरिका के व्यवसाय क्षेत्र में मंदी के संकेत मिले हैं, जिससे वैश्विक मांग पर असर पड़ा है और IT क्षेत्र जैसे निर्यात-केंद्रित उद्योगों को नुकसान हुआ है।
3. घरेलू आर्थिक संकेतक
भारत की आर्थिक वृद्धि इस वित्त वर्ष में 6.4% तक घटने का अनुमान है, जो कि पिछले चार वर्षों में सबसे निचला स्तर है, जिससे निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है।
ऐतिहासिक संदर्भ
Nifty50 ने 1990 के बाद केवल दो बार लंबी मंदी का सामना किया है:
- सितंबर 1994 से अप्रैल 1995: 8 महीने तक गिरावट, 31.4% की गिरावट
- जुलाई 1996 से नवंबर 1996: 5 महीने तक मंदी, 26% की गिरावट
अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 तक की मौजूदा गिरावट में इंडेक्स 11.7% गिर चुका है।
निवेशकों के लिए दृष्टिकोण
विश्लेषकों का मानना है कि यह कमजोरी और बढ़ सकती है, और बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है, क्योंकि वैश्विक और घरेलू समाचारों का असर जारी रहेगा। निवेशकों को सावधानीपूर्वक निवेश करने, विविध पोर्टफोलियो बनाने और मैक्रोइकॉनॉमिक अपडेट्स पर नजर बनाए रखने की सलाह दी जाती है।
पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1: Nifty50 इंडेक्स में जारी गिरावट का मुख्य कारण क्या है?
मुख्य रूप से विदेशी निवेशकों की आक्रामक बिकवाली, वैश्विक मंदी की आशंका, और घरेलू आर्थिक संकेतकों की कमजोरी इसकी वजह हैं।
Q2: इस गिरावट की ऐतिहासिक तुलना कैसे की जा सकती है?
यदि Nifty50 फरवरी 2025 में लगातार 5वें महीने भी नुकसान दर्ज करता है, तो यह पहली बार होगा जब 1996 के बाद ऐसा हुआ है।
Q3: कौन से सेक्टर सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं?
सूचना प्रौद्योगिकी (IT) और वित्तीय क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं, क्योंकि इनमें भारी बिकवाली देखी गई है।
Q4: इस स्थिति में निवेशकों को क्या करना चाहिए?
विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए, आर्थिक संकेतकों पर ध्यान देना चाहिए, और वित्तीय सलाहकारों की मदद से अपने निवेश निर्णय लेने चाहिए।
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