कटहल एक फल है जो हम सब्जी के रूप मे खाते है | इसमें vitamin A , C ,B6 , Calcium ,potassium ,iron , fluoric acid ,magnesium है | ये सब vitamins health के लिए बहुत अच्छे होते है यह आपको कई बीमारी से दूर रखते है | कटहल देकने मे हरे रग का होता है इसका आकार छोटा और बड़ा होता है और Digest होने मे time लगता है | स्वाद मे कटहल मीठा और साथ ही साथ जलन को भी काम करता है | अगर आप का weight ज्यादा है और कई medicine खाने के बाद भी weight काम नहीं हो रहा है | तो इस condition मे कटहल best choice है | कच्चे कटहल की सब्जी खाने से आसानी weight loss हो जायेगा |वही दूसरी और पक्का हुआ कटहल खाने मे tasty होता है और साथ ही शरीर  weight बढ़  जाता  है |  कटहल फल हजारो सालो से भारत मे खाये जाने वाला फल है | यह भारत के पड़ोसी country Bangladesh ,malaysia,श्री लका ,indonesia मै भी पाये जाते है |

Katahal Khane k Fayde

कटहल खाने के फायदे क्या है ?

 

कटहल खाने के बहुत से फायदे है जो कुछ इस प्रकार है |

 

1.) Headache मे आराम मिलता है : कटहल पीसकर उसका रस nose मे डालने से headache ठीक हो जाता है |

 

2.) Epistaxis ठीक हो जाता है : 8 से 9 कटहल के बीच का काढ़ा पेन से Epistaxis ठीक हो जाता है |

 

3.)  कटहल भूख बढ़ाता है: 10 ml कटहल के बीच का रस निकल ले और 125 gm काली मिर्च चूर्ण मे sugar मिलके पीये भूख बढ़ जाये गई |

Katahal Khane k Fayde

 

4.)Prevent Diarrhoea :  ज्यादा मसालेदार खाना खाने से diarrhoea हो जाता हैं | कटहल के जड़ का काढ़ा 10ml पीने से diarrhoea रुक जाता है |

 

5.)Relief on Itching: कटहल के leaf का काढ़ा बनाकर itching वालें area मे लगाने से relief मिलता है |

 

6.)Effective on skin diseases: कटहल के leaf को oil मे भूनकर ,बचा हुए oil के साथ लैप बनाकर लगाने से skin diseases ठीक हो जाती है |

Also Read :  Email Address क्या होता है? Email Address कैसे बनाए? पूरी जानकारी

 

और भी कई बीमारी को ठीक करने के लिए कटहल काम आता है |

 

कटहल खाने के नुकसान क्या है ?

 

हालाकि कटहल खाने के कई फायदे है पर इसके ज्यादा सेवन करने से नुकसान भी है जो कुछ इस प्रकार है |

 

  • ज्यादा कटहल खाने से digestion problem भी हो सकती है |

 

  • Oral allergies होने के chance बढ़ जाते है |

 

  • कटहल ज्यादा खाने से glucose levels बढ़ जाते है |

 

कटहल का उपयोग कैसे कर सकते है ?

 

पका हुआ कटहल हम directly खा सकते है जो कि बहुत मीठा भी होता हैं | पर कच्चा कटहल को सीधा नागे हाथो नहीं कटना चाइये क्यों कि इस मे दूध होता जो कि बहुत चिपचिपा होता है | एक बार हाथ मे लग जाने से बहुत मुश्किल से निकलता है | इसलिए hand gloves पहनकर ही कटे | आप कटहल का अचार बना सकते है जो कि बहुत tasty होता हैं|  आप चाहे तो पका हुआ कटहल का pulp ग्राम पानी मे उबालकर दीजिये | फिर normal होने के बाद एक गिलास पानी के साथ पेजेए इससे body refresh होजाते है |

 

 

Graphing द्वारा कटहल plant कैसे तैयार करे ?

 

ग्राफ्टिंग या कटिंग द्वारा तैयार किये गए कटहल के पौधे पर लगभग तीन से चार साल में फल आना शुरू हो जाते है। कटहल की व्यापारिक खेती के लिए ग्राफ्टिंग विधि से तैयार पौधे का उपयोग करें। क्योंकि इस विधि से पौधे को तैयार करना बहुत आसान होता हैं। ग्राफ्टिंग विधि से पौध तैयार करने के लिए सबसे पहले आपको इसके बीजों द्वारा उगाया गया कटहल का पौधा लेना है। इसके बाद आपको एक बड़े कटहल के पेड़ की कटिंग लेनी है। कटिंग आपको लगभग तीन इंच की लेनी है। जिसकी मोटाई पेन्सिल की बराबर होनी चाहिए। कटिंग को लेने के बाद आपको कटहल के पौधे के तने को बीच में से काटकर उसके अंदर लगभग तीन इंच का चीरा लगाना है। कटिंग को पेना करके चीरा लगे हुए तने के अंदर फंसा दें। इसके बाद आपको इसके ऊपर कसकर टेप या फिर पॉलीथिन बांध देनी है। इसके बाद इसमें से जड़े निकल आती है, उन्हें काट गड्ढे में लगा दिया जाता है।

Also Read : हिंदी वर्णमाला ( स्वर और व्यंजन ) |हिंदी वर्णमाला में स्वरों की संख्या कितनी है?

कटहल कैसे तैयार करें?

Katahal Kaise Tyaar Kare

 

कटहल के पौधों की रोपाई बीज के रूप में की जाती है। बीजों द्वारा उगाये गए पौधों पर five से 6 वर्ष का समय लग जाता है। यदि आप कटहल के पौध को बीजों द्वारा तैयार करना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको पहले पके हुए कटहल से बीज निकालने हैं। बीजों को निकालने के बाद इन्हें ज्यादा दिन के लिए ना रखे, हो सके तो इन्हें तुरंत ही मिट्टी में लगा देना चाहिए। पौध तैयार करने के लिए आपको गमला या पॉलीथिन बैग लेना है, गमला या पॉलीथिन बैग लेने के बाद आपको इसके अंदर 80 प्रतिशत सामान्य मिट्टी और 20 प्रतिशत पुरानी गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट मिलाकर इसे भर लेना है। इसके बाद कटहल में से निकाले गए बीज को लगभग दो इंच की गहराई में रोपाई करें। रोपाई के बाद इनमें नमी बनाये रखने के लिए पानी डालते रहें। यह बीज लगभग एक सफ्ताह में उगना शुरू हो जाते हैं। जब पौधों पर तीन से चार पत्तियां आ जाएँ, तो इनकी रोपाई तैयार खेत में की जा सकती हैं। कटहल के पौधों को बनाने के लिए दो विधियों को इस्तेमाल में लाया जाता है।

Leave A Comment