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अभिनेता विजय और अन्य की प्रतिक्रिया: DMK-केंद्र विवाद पर ‘नर्सरी के बच्चों की लड़ाई’

DMK-केंद्र विवाद ‘नर्सरी की लड़ाई’: विजय

अभिनेता और राजनेता विजय ने अंततः तमिलनाडु की सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) और केंद्र सरकार के बीच चल रहे तीन-भाषा नीति विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे “नर्सरी के बच्चों की लड़ाई” करार दिया।

तमिलगा वेट्ट्री कड़गम (TVK) पार्टी की पहली वर्षगांठ के अवसर पर विजय ने दोनों सरकारों के बीच बढ़ते मतभेदों की आलोचना की।


तीन-भाषा नीति को लेकर तीखी बहस

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत लागू की गई तीन-भाषा नीति ने तमिलनाडु में हमेशा से विवाद खड़ा किया है

  • DMK सरकार इस नीति का विरोध करती रही है, क्योंकि उनका मानना है कि यह गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपने का प्रयास है
  • मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और अन्य DMK नेताओं ने सवाल उठाया कि इस नीति से तमिलनाडु की संसद में प्रतिनिधित्व संख्या घट सकती है
  • निर्वाचन क्षेत्र परिसीमन (Constituency Delimitation) को लेकर भी इस नीति पर आपत्ति जताई गई है।

विजय की भाषा नीति पर क्या राय है?

विजय की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब दक्षिण भारत में भाषा नीतियों पर गहरा विवाद चल रहा है

  • हाल ही में तेलंगाना सरकार ने कक्षा 9 और 10 के लिए तेलुगु भाषा को अनिवार्य कर दिया
  • हिंदी भाषा को लेकर मतभेद जारी हैं, लेकिन देशभर में क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है

TVK की राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं

विजय ने 2026 तक तमिलनाडु में एक प्रभावशाली राजनीतिक पार्टी बनने की महत्वाकांक्षा व्यक्त की

  • उन्होंने कहा कि TVK सामाजिक न्याय, समानता और तमिल भाषा एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है
  • उन्होंने DMK और भारतीय जनता पार्टी (BJP) दोनों पर हमला बोलते हुए कहा कि ये दल अनावश्यक मुद्दों पर समय बर्बाद कर रहे हैं, जबकि जनता की वास्तविक समस्याएं बनी हुई हैं।

भाषा राजनीति का ऐतिहासिक संदर्भ

तमिलनाडु में हिंदी थोपने का विरोध लंबे समय से होता आया है

  • 1960 के दशक में हिंदी विरोधी आंदोलन हिंदी को भारत की एकमात्र आधिकारिक भाषा बनाने के प्रयासों के खिलाफ शुरू हुआ था
  • इसी संघर्ष के कारण राज्य की भाषा नीतियां बनीं, जिसमें तमिल को प्राथमिकता दी गई और हिंदी को अनिवार्य विषय बनाने का विरोध किया गया

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

Q: तीन-भाषा नीति क्या है?

A: तीन-भाषा नीति के तहत छात्रों को तीन भाषाएं—उनकी क्षेत्रीय भाषा, हिंदी और अंग्रेजी सीखनी होती हैं। इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत लागू किया गया था।

तमिलनाडु जैसे राज्यों में, जहां हिंदी अनिवार्य रूप से लागू करने का विरोध है, इस नीति का व्यापक विरोध हो रहा है।


Q: तमिलनाडु तीन-भाषा नीति का विरोध क्यों कर रहा है?

A: तमिलनाडु को लगता है कि यह नीति राज्य की भाषाई विरासत पर हमला है

राज्य ने हमेशा से दो-भाषा नीति (तमिल और अंग्रेजी) अपनाई है और नई नीति को अपनी सांस्कृतिक और भाषाई पहचान के लिए खतरा मानता है


Q: DMK-केंद्र भाषा विवाद पर विजय का क्या कहना है?

A: विजय ने DMK और केंद्र सरकार के बीच तीन-भाषा नीति को लेकर चल रहे विवाद को ‘नर्सरी के बच्चों की लड़ाई’ बताया है

उन्होंने कहा कि देश को इस बहस से आगे बढ़कर अधिक महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए


Q: तमिलगा वेट्ट्री कड़गम भाषा नीति पर क्या सोचती है?

A: तमिलगा वेट्ट्री कड़गम (TVK), विजय के नेतृत्व में तमिल भाषा और संस्कृति के संरक्षण का समर्थन करता है

  • पार्टी हिंदी थोपने के सख्त खिलाफ है और
  • तमिलनाडु की भाषा नीति को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है

Q: विजय की टिप्पणियों पर जनता की क्या प्रतिक्रिया है?

A: जनता की मिश्रित प्रतिक्रियाएं आई हैं

  • कुछ लोग विजय की स्पष्टवादिता और तमिल संस्कृति के समर्थन की सराहना कर रहे हैं
  • जबकि कुछ का मानना है कि उन्होंने एक जटिल मुद्दे को बहुत हल्के में ले लिया है
  • इस मुद्दे पर सोशल मीडिया और राजनीतिक मंचों पर बहस जारी है

आपकी इस मुद्दे पर क्या राय है? क्या आप विजय के विचारों से सहमत हैं या फिर आपका नजरिया कुछ अलग है? अपनी राय नीचे कमेंट में साझा करें और इस लेख को शेयर करें ताकि चर्चा आगे बढ़ सके।

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