लॉक-इन अवधि समाप्त होते ही शेयरों में गिरावट क्यों आई?
मोबिक्विक की मूल कंपनी वन मोबिक्विक सिस्टम्स के शेयरों में पिछले दो कारोबारी सत्रों में 43% से अधिक की बढ़ोतरी देखी गई, जो कि इसकी IPO लॉक-इन अवधि समाप्त होने के बाद आई।
तीन महीने की लॉक-इन अवधि 17 मार्च 2025 को समाप्त हो गई, जिसके बाद बाजार में 4.6 मिलियन शेयर जारी किए गए। यह कुल बकाया स्टॉक्स का लगभग 6% था। इस अचानक आपूर्ति वृद्धि के कारण, मोबिक्विक के शेयरों में 15% की गिरावट आई, जिससे इसका मूल्य घटकर ₹231.05 (52-सप्ताह का न्यूनतम स्तर) हो गया।
तेजी से रिकवरी और शेयरों में उछाल
शुरुआती गिरावट के बावजूद, मोबिक्विक के शेयरों ने तेजी से वापसी की।
- 18 मार्च को स्टॉक 20% बढ़कर ₹298 पर पहुंच गया (अपर सर्किट)।
- 19 मार्च को यह रैली जारी रही और शेयरों में 19% की और वृद्धि हुई, जिससे BSE पर इसका मूल्य ₹355 हो गया।
बाजार विश्लेषण: ट्रेडिंग वॉल्यूम और निवेशकों की रुचि
पिछले 48 घंटों में ट्रेडिंग वॉल्यूम में भारी वृद्धि देखी गई है, जिससे यह संकेत मिलता है कि निवेशकों का उत्साह बढ़ा है। हालांकि, हालिया उछाल के बावजूद, मोबिक्विक के शेयर अभी भी अपने उच्चतम स्तर ₹698 (दिसंबर 2024) से 50% कम हैं। पिछले तीन महीनों में स्टॉक 35% गिरा, लेकिन पिछले एक महीने में लगभग 8% ऊपर चढ़ा है।
FAQs
IPO लॉक-इन अवधि समाप्त होने के बाद मोबिक्विक के शेयरों में गिरावट क्यों आई?
लॉक-इन समाप्त होने के बाद, बाजार में एक साथ बड़ी संख्या में शेयर जारी किए गए, जिससे आपूर्ति बढ़ी और बिकवाली का दबाव बना। इसी कारण शेयर की कीमत में गिरावट दर्ज की गई।
मोबिक्विक के शेयर इतनी जल्दी कैसे उछले?
बाजार में सुधार, निवेशकों की नई रुचि और डिजिटल पेमेंट्स सेक्टर में कंपनी की मजबूत स्थिति ने इस तेजी को बढ़ावा दिया।
मोबिक्विक का वित्तीय प्रदर्शन और स्टॉक वैल्यूएशन क्या दर्शाते हैं?
हालांकि हाल के तिमाही में कंपनी को शुद्ध घाटा हुआ है, लेकिन राजस्व में वृद्धि बताती है कि व्यापार तेजी से बढ़ रहा है। निवेशक इसे लंबी अवधि के अवसर के रूप में देख सकते हैं, क्योंकि भविष्य में मुनाफे की संभावनाएं बनी हुई हैं।
आपकी राय क्या है?
क्या यह उछाल लंबी अवधि के विकास का संकेत है, या यह सिर्फ एक अल्पकालिक बाजार प्रतिक्रिया है? अपनी राय कमेंट सेक्शन में साझा करें और चर्चा में शामिल हों।
स्टॉक मार्केट में निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है। किसी भी निर्णय से पहले सही रिसर्च करें और वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें।